कौन हूँ मैं
कौन हूँ मैं
हूँ मैं उजाला दिन का
चाँदनी हूँ रात की भी।
धूप हूँ चमकती सी,
छाँव हूँ शीतल सी।
ठंडक हूँ हवा सी,
तपन हूँ अग्नि की।
सुंदरता हूँ फूलवारी की ,
खुशबू हूँ कलियों की।
रक्षक हूँ जीवन की
पूरक हूँ सृष्टि की।
लकीरें हूँ हाथों की
तकदीर हूँ अपनों की।
शक्ति हूँ भक्ति हूँ
मान हूँ सम्मान हूँ।
धरा हूँ आकाश हूँ
सब का विश्वास हूँ।
गर्व हूँ , अभिमान हूँ,
जीवन की फुलवारी हूँ
मैं नारी हूँ।