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Kiran Bala

Children Stories Fantasy

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Kiran Bala

Children Stories Fantasy

काश कि मैं भी चिड़िया होती

काश कि मैं भी चिड़िया होती

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काश कि मैं भी चिड़िया होती

डाल-डाल पर उड़ती फिरती


नगर-नगर और गाँव-गाँव में

सुन्दर वन और बाग-बाग में

मीठे गीत गुनगुनाती रहती

राग सुरीले गा-गाकर

सबके मन को मैं बहलाती


काश कि मैं भी चिड़िया होती

डाल-डाल पर उड़ती फिरती


नदी किनारे किसी डाल पर

अपना नीड़ बनाती मैं

बच्चों के हाथों से

चुग-चुग दाना खाती मैं

उड़ती रहती स्वच्छन्द गगन में

चन्दा तक पहुँच जाती मैं


काश कि मैं भी चिड़िया होती

डाल-डाल पर उड़ती फिरती


खेलती चुन्नू-मुन्नू के संग

गीता-बबली-पिन्की के संग

गीत एकता के मैं गाती

बोल-बोल मैं सबको जगाती


काश कि मैं भी चिड़िया होती

डाल-डाल पर उड़ती फिरती


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