जय हनुमान
जय हनुमान
सिन्दूर लगा करके देखो सज गए हैं हनुमान।
श्रीराम का लेकर नाम प्रभु का करते हैं गुणगान।।
सज गए हैं हनुमान की देखो संवर गए हनुमान।
जयकारा श्री राम की देखो सज गए हैं हनुमान।।
श्रीराम का लेकर नाम सागर लांघ गए थे हनुमान।
लंका पहुंच कपि ने तोड़ दिया रावण का मान।।
लंका को कर दिया खाक थे कितने बड़े वो बुद्धिमान।
सीता को दिया पहचान प्रभु का सेवक मुझको जान।।
लक्ष्मण का बचाया प्राण की जब लगा था शक्ति बाण।
पर्वत को उठा लाया पाया नहीं संजीवनी की पहचान।।
जब तंज कसा उसने, कहाॅं बसते हैं श्री राम।
जयकारा लगा श्री राम, सीना फाड़ दिए हनुमान।।
प्रेम से बोलो जय श्री राम जय श्री राम जय -जय श्री राम।
श्रीराम जयराम जय जयराम, जयराम श्रीराम जय जयराम।
