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सोनी गुप्ता

Abstract Inspirational

4.7  

सोनी गुप्ता

Abstract Inspirational

जिंदगी का एक सफर

जिंदगी का एक सफर

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न समझा इस शहर में जाने कौन है अपना कौन पराया? 

हर मोड़ पर मैंने हर चेहरे पर एक नया मुखौटा ही पाया


सब बदल जाएगा पनपती रही यह आस मन ही मन में

पर आज अपनों की भीड़ में खुद को अकेला ही पाया


गलत कहा था तुमने अपनों का प्यार अद्भुत और अनूठा है

पर यहाँ तो वह अद्भुत अनूठा प्यार एक ख्वाब ही पाया


जिंदगी का एक सबक हमने भी आज सीख लिया यहाँ

बहुत कुछ तो बदल दिया पर दिल का अंधेरा ना मिटा पाया


सोचा कल फिर होगा और चमकता सूरज फिर निकलेगा

पर इस जिंदगी के सफर में हमने सिर्फ बेगानों को पाया


इस सफर में दुनिया एक तमाशा लगी हो तमाशा ही देखा

कई राज छुपे थे यहाँ पर हमने इनका खुलासा कहाँ पाया 


कुछ हमसे दूर चले गए और कुछ बहुत बिल्कुल बदल गए

बदले हुए उन लोगों में भी हमने अपनों को कहाँ पाया


माना ये जिंदगी एक सफर है पर यहाँ इस सफर में हमने 

हर मोड़ पर मैंने हर चेहरे पर एक नया मुखौटा ही पाया!! 



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