जहां चाह वहां राह
जहां चाह वहां राह
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ज़िन्दगी में इन दो शब्दों का बड़ा महत्व है ,
जिसने भी इन दो शब्दों को समझ लिया
उसका जीवन सफल है !वर्ना भटकना तो जीवन भर है !
ज़िन्दगी सब कुछ सिखा देती है ,
मंजिल पर भी पहुंचा देती है , बस चलना जरूरी है !
कुछ आये न आये उमंग के साथ करना जरूरी है !
मंजिल खुद ही मिल जायेगी एक राह पकड़ना जरूरी है !
रामायण लिख दी बाल्मिक जी ने , जो थे एक डाकू !
राम का नाम उल्टा जपा ,जपा करते थे मरा मरा ,
पर चाह ने उनको रचयिता रामायण का बना दिया !!