इस बार दिवाली
इस बार दिवाली
अजी सुनती हो
आओ इसबार दिवाली
नये ढंग से मनाते हैं,
खुशी का है यह त्यौहार
चलो सबके घर हमारे कारण
थोड़ी थोड़ी खुशी दे आते हैं,
दीपक जगमगाने हैं, मेरे
राम आज अयोध्या आने हैं
इसलिए कुम्हार से मिट्टी के
दीये लाने हैं ताकि उनके घर
खुशियों की हो सौगात
तभी तो दीवाली उन्हें भी
मनवाते हैं, चलो खुशी दे आते हैं,
सजावट करोगी, लक्ष्मी माता को
तभी तो रिझाओगी, फूल नकली
नहीं, चलो असली फूल लगाते हैं
तभी तो फूल माली के घर भी थोड़ी
खुशी और प्यार बांट आते हैं,
सुनो ना जब दीपक जलाओगी
उसमें सब बुराई भी जला देना
सभी के लिये दिल में सौहार्द
और खुशी बांट आते हैं,
चलो इसबार दीवाली नये ढंग से मनाते हैं,
चलो चारों तरफ दीपक खुशी के
जलाते हैं, दीवाली नये ढंग से मनाते हैं,
ओन लाईन ना कुछ अब लेंगे हम
सब कुछ विंडो शॉपिंग से लाते हैं
दुकानदार भाई के घर खुशी दे आते हैं,
अजी सुनती हो
आओ इसबार दीवाली
नये ढंग से मनाते हैं।।