ई एम आई
ई एम आई
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रिश्तो ने मर्यादा खोई
सब कुछ चल रहा EMI पर
चार दिवारी बनी जब से घर
आदमी पल पल रहा मर
सब कुछ चल रहा EMI पर
फेरे लेते हाथ पकड़ कर साथ
निभाने दुख सुख के साथी बनने
हर कंही है धोखा क्योंकि शादी
हुई कर्जा ले कर
सब कुछ चल रहा EMI पर
बुरे वक्त में काम आयेगा पैसा
जोडा जाता, तभी वह पैसा बुरे
वक्त में ही सिर्फ काम है आता
काश बचाते पैसा अच्छे वक्त के
लिए तो पैसा खुशियों में काम आता
इंसान कभी आगे नहीं बढ पाता
अमीर ओर अमीर और
गरीब ओर गरीब होता जाता क्योंकि
सब कुछ चल रहा EMI पर ।।