हार - जीत
हार - जीत

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हार-जीत तो खेल में, होता है मेरे यार।
इसमें दुख क्या बात है, करो नहीं इस बार।।
अनुशासन है खेल का, भाई-चारा साथ।
हार-जीत कुछ भी रहे, रखो हाथ में हाथ।।
दुश्मन से भी मित्रता, हार-जीत में संग।
चाहे कोई खेल हो, या कोई हो जंग।।
असफलता की हार हो, होना नहीं निराश।
रखो जीत की आसरा, होगी मंजिल पास।।
करो मेहनत हो लगन, चाहे मुश्किल काम।
हार-जीत मत देखना, बनते काम तमाम।।