गुड़िया हमारी
गुड़िया हमारी
छोटी सी प्यारी सी नन्ही सी गुड़िया हमारी,
मेरे घर आँगन की शोभा है ये,
जिसको देखकर ही चेहरे पर मुस्कान आ जाये,
जिसकी बातों से दिल खुश हो जाये,
इसकी शरारतें और भोलापन मन को छू जाए,
हर पल चहकती रहती है मेरे आँगन में,
ये है प्यारी सी बिटिया हमारी
जो है हर चेहरे की मुस्कन मेरे आँगन की
छोटी सी प्यारी सी गुड़िया हमारी।
जब जब ये आये मेरे घर पर मेरा घर आँगन महक उठे,
चन्द दिनों की मेहमान बन कर ये आती,
दिलों में नयी आशायें जगा जाती,
हर पल रहता है इसके आने का इन्तजार,
इसको मिलने को रहता दिल बेकरार,
नहीं याद हमको अब दादी-नानी की कहानियाँ,
हम तो बहुत छोटे थे जब वो हमसे जुदा हो गए,
पर अपनी नाती के लिए लिखे चन्द शब्द याद आ जाते है,
छोटी सी नन्ही सी प्यारी सी गुड़िया हमारी।
