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Neeraj pal

Others

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Neeraj pal

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गजल।

गजल।

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अपने सर को जो तेरे कदमों में झुका देते हैं।

तुमको हर सूरत में अपनी अदाओं से मना लेते हैं।।


बड़े ही नाजुक होते हैं यह तेरे इश्क के दीवाने।

जब वह रोते हैं तो तुम को भी रुला देते हैं।।


ऐसी मिन्नत हैं करते कि तुम चले आओ।

तुमको अपने से मिलने को मजबूर बना देते हैं।।


दुनिया के दुःख,दर्द चाहे कितने भी हो उन पर।

तेरी सौगात समझ उसको भी अपना बना लेते हैं।।


ऐसेेे आशिक दुनिया में कहां मिलते हैं "ए-नीरज"।

जो अपने इश्क को ही "लैला" बना लेते हैं।


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