गीत
गीत
ओ माँ! ओ माँ! मेरी माँ, जय माँ! जग माँ हम आए।
दर्शन दे दो भक्तों को, झोली में आशा लाए ।।
ध्यान करूँ मैं तेरा नित, हृदय-पुष्प शुचि खिल जाए ।
शक्ति तुम्ही माँ उर की हो, हर्ष अंग हर मुस्काए ।।
तुझ में माँ जीता जो है, उसे न तब पीर सताए ।
ओ माँ! ओ माँ! मेरी माँ, जय माँ! जग माँ! हम आए।
ज्योति तुम्ही हो तुम ही माता, तुम ही लक्ष्मी जगदंबा ।
माँ मेरी तुमसे है हम, तुमसे साँसे हैं अंबा ।।
घना तिमिर जब भी छाया, निद्रा से मातु उठाए।
ओ माँ! ओ माँ! मेरी माँ, जय माँ ! जग माँ ! हम आए ।।
करते हैं हम हृदय नमन, नैनों में तुम्हें बसाए ।
जब उलझन में खोयी मैं, माँ उलझन को सुलझाए ।।
बसती हो माँ तुम धड़कन में, माँ सब के पीर मिटाए।
ओ माँ! ओ माँ !मेरी माँ! जय माँ जग माँ! हम आए।।
व्रत उर से माँ मैं करती, दिवस पूर्णता उलझाए।
दीप जले उर हर क्षण अब, तेरी माँ भक्ति जगाए ।।
वास करो निज शब्दों में, चंदन की खुशबू पाए।
ओ माँ! ओ माँ! मेरी माँ!, जय माँ !जग माँ हम आए।।
