गीत गाये जा
गीत गाये जा
गीत गाये जा खुशी से,
गुनगुनाये जा खुशी से।
बदल रहीं संक्रातियाँ ,
गुजर रही ये सर्दियाँ।
आ गए त्योहार सब,
खुशियों के उपहार सब।
स्वीकार कर उपहारों को,
मुस्कुराए जा खुशी से।
गीत गाये जा खुशी से,
गुनगुनाये जा खुशी से।
कुम्भ भी है लग गया,
प्रयाग भी फिर सज गया।
आ रहें हैं जन सभी,
बाल,युवा वृध्द सभी।
उल्लास है नहान का,
काम एक महान का।
उसे रिझाये जा खुशी से।
तू नहाये जा खुशी से,
गीत गाये जा खुशी से,
गुनगुनाये जा खुशी से।
चहक रहीं पतंगें हैं,
रँगी विभिन्न रंगे हैं।
लहर रही गगन में वो,
जैसे एक तरंगे हैं।
खुशियों की उमंगे हैं।
तिल की खुशबू आ रही,
महक रहे गज़क सभी।
इन्हें खाये जा ख़ुशी से,
धूम मचाये जा ख़ुशी से।
गीत गाये जा ख़ुशी से,
गुनगुनाये जा ख़ुशी से।