जब मेरा अपना आशियाना था, हर तरफ मेरा ही फसाना था।। जब मेरा अपना आशियाना था, हर तरफ मेरा ही फसाना था।।
और अनगिनत सुनहरी यादों को समेटे रखा है इस छोटे से ताले ने। और अनगिनत सुनहरी यादों को समेटे रखा है इस छोटे से ताले ने।
देने लगा है दस्तक शाम अब दरवाजे पर, देखो परिंदा घर को लौटने लगा है। देने लगा है दस्तक शाम अब दरवाजे पर, देखो परिंदा घर को लौटने लगा है।
करुण क्रंदन हर घर रे तेरा इंसान कहाँ घर रे तेरा I करुण क्रंदन हर घर रे तेरा इंसान कहाँ घर रे तेरा I
है कितने रूप तेरे माँ जग में सबसे प्यारी तू है कितने रूप तेरे माँ है कितने रूप तेरे माँ जग में सबसे प्यारी तू है कितने रूप तेरे माँ