एक सूत्र में बांधे है,,
एक सूत्र में बांधे है,,
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ये हरी भरी वसुंधरा हमारी निगहबान है,
रंग भिन्न ,भाषा भिन्न और बोली भी भिन्न है।
सबका मेल कराती सबसे छोटे हो या कि बड़े,
सीमा नहीं कोई, हम विश्व के निवासी विभिन्न हैं।
प्रेम,स्नेह की बोली हमको एक सूत्र में बांधे है,
सबसे मैत्री भाव सा रिश्ता हम रखें अभिन्न है।
मतलबी इस विश्व में,कुछ ज़हरीले भी जीव हैं,
तोड़ कर विषदंत नुकीले हमें बस करना विच्छिन्न है।