एक खत छोटी सी गुड़िया के नाम
एक खत छोटी सी गुड़िया के नाम


नन्हे कदमों से दुनिया नापने चली
मेरी गुड़िया हौसले आजमाने चली
खूब दूर तक जाओ गुड़िया पूरी
धरती ही तुम्हारी है ,
कभी लड़खड़ाओगी भी कहीं,
तुम्हें थामने के लिए बाहें हमारी है
चलते चलते कभी हमसे बहुत
आगे निकल जाओगी
पर जब भी पीछे मुड़कर देखोगी
हमें वहां खड़ा पाओगी
राह में तुम्हारे छांव भी होगी
धूप भी मिलेगी,
कभी एक सा मौसम ना होगा
हजारों ऊंचाइयाँ तुम छू लोगी
पर कुछ ना कुछ ग़म भी होगा
लेकिन जो किलकारी आज
तुम्हारे चेहरे पर है
उसे सदा बनाए रखना
उठकर गिरना गिरकर उठना
पर हौसला बनाए रखना