एक ऐसी सुबह
एक ऐसी सुबह

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मैं दुआ करती हूँ, एक ऐसी सुबह हो।
जब कहीं कोई नहीं कलह हो।।
जब सबकी सबसे बस सुलह हो,
एक ऐसी सुबह हो।।
एक सुबह जब देर होने पर भी,
बिलकुल नहीं हम बड़बड़ायें।
रेड लाइट आते ही हम,
इंजन बंद कर आराम फ़रमायें।।
कितना सुंदर हो अगर.
ऐसी एक सुबह आये।।
कल जिनसे नाराज़ हुए थे,
आज देख हम मुस्कुराऐं।
कल जिनसे मुँह मोड़ लिए थे,
आज उन्हें हम गले लगायें।।
बिन मतलब का क्रोध करके,
अपना ख़ून न जलाएं।।
एक ऐसी सुबह आए।
एक ऐसी सुबह आए।।