एहसासों की जरुरत !
एहसासों की जरुरत !
सोचा था मेरे एहसास भी
तेरी सांसों की जरुरत हो
जाएंगे
सोचा था तुझे भी एक दिन
मेरी मुझ सी ही जरुरत हो
जाएगी।
सोचा था तुम्हारी भी धड़कने
तुम्हे हर शाम-ओ-सहर परेशान
कर देंगी
सोचा था तेरे दिल को भी मेरे
दिल की मुझ सी ही आदत हो
जाएगी।
सोचा था मेरी बातें भी तेरी
नींद की हर करवट सी हो
जाएगी
सोचा था हर मुलाकात पर
तुम खुद को मेरे पास ही
भूल आओगी।
सोचा था मेरा साथ तेरी
ज़िन्दगी की इबादत सी
हो जाएगी
सोचा था तुझे पास लाने
की जो तमन्ना बसी है
मेरी इस रूह में।
सोचा था वो मेरी तमन्ना
ही तेरी एक जिद्दी हसरत
सी हो जाएगी
लेकिन मैंने ये नहीं सोचा था
कि ये सब बस एक मैंने ही
तो सोचा था !