दवा और दुआ
दवा और दुआ
जिंदगी का कई रोग से नाता है,
कोई घाव तो कोई मरहम दे जाता है।
इन दवाओं के वैसे तो कई प्रकार है,
दुनिया में फैले अनगिनत विकार है।
आयुर्वेद और होमियोपैथी प्रचलित है,
सभी का मन दवाओं में विचलित है।
दुआओं में कुछ अलग ही नजाकत हैं,
आजमा के देखो ये करे हिफाज़त है।
बद-दुआओं से कभी नाता ना जोड़ना,
हो सके तो किसी का दिल ना तोड़ना।
सच में इन दुआओं से पड़ता फर्क है,
दवा और दुआ का पुराना तर्क है।
दिखने वाले घावों पे असर करे दवा,
ना दिखे घाव वहाँ आजमाए दुआ।
जो घाव ठीक कर दे उसे दवा कहते हैं,
काम ना आए दवा तो लोग दुआ करते हैं।