दोस्तों में दुश्मन
दोस्तों में दुश्मन
लोगों पर विश्वास नहीं करते
क्योंकि दोस्तों में ही दुश्मन के चेहरे देखे हैं
छुपा लेते हैं अपने घाव मगर
सच है कि हमने घाव गहरे देखे हैं
कहने को तो बड़े ही सच्चे बनते हैं
मेरे सामने ही मेरे लिए बड़े अच्छे बनते हैं
जो सामने सच ना सुन सके ना बोल सके
मैंने दोस्ती में ऐसे गूंगे बहरे देखे हैं
मेरी जिंदगी की कीमत जानते नहीं है
मुझे अपनों में अपना मानते नहीं है
अपनी जान से भी बढ़कर दोस्ती प्यारी थी हमें
वही लोग थे जिनके लिए मैंने ख्वाब सुनहरे देखे हैं
मुझे दोस्ती का झूठा पाठ पढ़ाना नहीं आता
मुझे उनके तरह बात बनाना नहीं आता
दूर ही रहने दो ऐसे लोगों से हमें
जिन्हें दोस्ती में भी साथ निभाना नहीं आता
