दोस्ती का रिश्ता
दोस्ती का रिश्ता
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फूलों की खुशबू सा महकता रिश्ता
अदृश्य डोर से बंधता जाता रिश्ता
अपेक्षाओ से नाता नहीं,
उपेक्षा से रूठता रिश्ता।
ऐसा है यारों
मेरी दोस्ती का रिश्ता
मनाने से मान जाता है रिश्ता
बहलाने से बहल जाता है रिश्ता
मतलबी लोगो से दूर जाता है रिश्ता
ऐसा है यारों
मेरी दोस्ती का रिश्ता।
जनम से भले साथ न रहा हो,
भले खून तेरा मेरा एक सा न हो,
जन्मजन्मांतर तक साथ निभाता रिश्ता
ऐसा है यारों
मेरी दोस्ती का रिश्ता।
दोस्त की ख़ातिर झूठ भी जायज़,
पर विश्वास न बने अपाहिज
हार कर भी जीत दिलाता है रिश्ता।
ऐसा है यारों
मेरी दोस्ती का रिश्ता।
सबको सच्चे दोस्त नही मिलते,
गर मिल जाऐ तो किस्मत कहते।
जान की बाज़ी भी लगाता है रिश्ता।
ऐसा है यारों
मेरी दोस्ती का रिश्ता।