दीवानी तेरी प्रीत की
दीवानी तेरी प्रीत की
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मोहभंग हुआ दुनिया से, मैं तुझ पर हुई जाऊँ वारी,
दीवानी हुई तेरी प्रीत संग, ओ छलिया कृष्ण मुरारी।
श्रृंगार ना भाये मोहे कछु भी, तेरी धुन लगी रे प्यारी,
मस्तानी सी घूमूँ तुझको ढूँढूँ, अब आन मिलो गिरधारी।
ऐसे बने अनजान से रहते...मैं हूँ तुम पर बलिहारी,
सिमरूँ हर पल नाम तिहारा, ज़रा डाल नज़र कजरारी।
मस्त मुरलिया की तान सुना दे, ओ प्यारे बांके बिहारी,
मनमोहक सी सांवली मूरत, उस पर मुस्कान मतवारी।
मोहे प्रीत की तुमसे लगन लगी, भूली हूँ दुनिया सारी,
ना देर कर अब दरस दिखा जा, ओ मनमोहक रूपधारी।