बीती रात कमल दल फूले
बीती रात कमल दल फूले
ऐ सबा तेरे बहने के साथ साथ , बीती रात कमल दल फूले थे
जो आज भी मेरे हमनशीं के कदमों की अनुभूति करवातें हैं
और बीती रात के अहसास की इक भीनी खुशबू पीछे छोड़ जाते हैं
उसी अहसास के साथ मेरा आज का दिन भी गुज़र जाता है
ऐ सबा तेरे बहने के साथ साथ, बीती रात कमल दल फूले थे
जो आज भी मेरे खुले गेसूओं को हल्के से सहला
और बीती रात मेरे हमनशीं की अँगुलियों के स्पर्श
के अहसास को पीछे छोड़ जाता है
उसी अहसास के साथ मेरा आज का दिन भी गुज़र जाता है
ऐ सबा तेरे बहने के साथ साथ , बीती रात कमल दल खिले थे
जो आज भी मेरे हमनशीं के बदन की मह्क का अहसास दिलातें हैं
और बीती रात की महकी रूह को बरकरार रखने के लिए पीछे छोड़ जाता है
उसी अहसास के साथ मेरा आज का दिन भी गुज़र जाता है l
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नीना घई
