ऐ सबा तेरे बहने के साथ साथ , बीती रात कमल दल खिले थे जो आज भी मेरे हमनशीं के बदन की मह ऐ सबा तेरे बहने के साथ साथ , बीती रात कमल दल खिले थे जो आज भी मेरे हमनशीं के ...