ये रास्ते आम नहीं अकेले चलने के लिये फिर भी इरादों में कुछ ज़ोर लाया जाये , आओ दो कदम मिलकर चले सा... ये रास्ते आम नहीं अकेले चलने के लिये फिर भी इरादों में कुछ ज़ोर लाया जाये , आओ...
ऐ सबा तेरे बहने के साथ साथ , बीती रात कमल दल खिले थे जो आज भी मेरे हमनशीं के बदन की मह ऐ सबा तेरे बहने के साथ साथ , बीती रात कमल दल खिले थे जो आज भी मेरे हमनशीं के ...