बेटियाँ
बेटियाँ
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जूही हरसिंगार बेटियाँ ।
कर दें घर गुलजार बेटियाँ ।
रँग रंगोली घर आँगन की
बेली बंदनवार बेटियाँ ।
बिंदिया, चूड़ी, कंगन, झुमके
पायल की झंकार बेटियाँ ।
बेटी से हैंं सभी रौनकें
दूज , तीज त्यौहार बेटियाँ ।
प्रीत रीति की मधुरिम डोरी।
नेह मेह बौछार बेटियाँ।
पावन निर्मल गंगा जल सी
हैंं घर का आधार बेटियाँ।
भगिनी, भार्या, शक्ति स्वरूपा
ममता का संचार बेटियाँ।
'पुष्प' कामना करती रहती
सुख का हैं संसार बेटियाँ।
