बेरोजगार युवा मांगे रोजगार।
बेरोजगार युवा मांगे रोजगार।
पोथी पढ़-पढ़ पंडित भयो हम,
रोजगार-रोजगार का जाप कर
बेरोजगार बैठे है हम।
चल गई हमरी पूरी लक्ष्मी
रोजगार के पोथी खरीदने में,
रिश्ते-नाते भी टूट गये अब
बेरोजगार हमरे होने से।
अच्छा रोजगार पाबे खातिर,
न धान का विड़ा रोपा,
नाही कलम छोड़ कभी कुदाल चलाया।
अब कैसे करे हम मजदूरी हो।
रोजगार के लालच में,
छोड़ा हमने अपना पल-पल का सुख।
हमने लगा दिया अपना पुरा
दिन, महिना, और साल हो।
रोजगार के पोथी पलट-पलट पढ़ने में।
फिर भी हँसे अब पूरा समाज,
हमरे पंडित हो बेरोजगार होने से।
रोजगार दे रे मालिक, रोजगार दे,
हमरे जिंदा रहे खातिर अब रोजगार दे।
