STORYMIRROR

Nivish kumar Singh

Others

4  

Nivish kumar Singh

Others

बेरोजगार युवा मांगे रोजगार।

बेरोजगार युवा मांगे रोजगार।

1 min
201

पोथी पढ़-पढ़ पंडित भयो हम, 

रोजगार-रोजगार का जाप कर

बेरोजगार बैठे है हम। 


चल गई हमरी पूरी लक्ष्मी

रोजगार के पोथी खरीदने में, 

रिश्ते-नाते भी टूट गये अब

बेरोजगार हमरे होने से। 


अच्छा रोजगार पाबे खातिर, 

न धान का विड़ा रोपा, 

नाही कलम छोड़ कभी कुदाल चलाया। 

अब कैसे करे हम मजदूरी हो। 


रोजगार के लालच में, 

छोड़ा हमने अपना पल-पल का सुख। 

हमने लगा दिया अपना पुरा

दिन, महिना, और साल हो। 

रोजगार के पोथी पलट-पलट पढ़ने में। 


फिर भी हँसे अब पूरा समाज, 

हमरे पंडित हो बेरोजगार होने से। 

रोजगार दे रे मालिक, रोजगार दे, 

हमरे जिंदा रहे खातिर अब रोजगार दे। 


Rate this content
Log in