बचपन.... !
बचपन.... !

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ज़ब हम बचपन में
घड़ी नहीं पहनते
थे,
तो हमारे पास
बहुत समय
हुआ करता था,
और आज
घड़ी पहनने लगे
तो एक पल भी
समय नहीं
है,
बड़ा फर्क है
उस बचपन और
आज की जवानी में,
वक्त के साथ - साथ क्या कुछ
बदल जाता है,
इंसान कि जिंदगानी में,
जो घड़ी का
वक़्त किसी काम का
नहीं होता था,
उसी घड़ी के वक़्त से
आज हमारा काम
होता है !
सच में बचपन
अनमोल है,
इसका ना कोई मोल है।