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Abha Chauhan

Children Stories Fantasy Inspirational

4  

Abha Chauhan

Children Stories Fantasy Inspirational

बचपन की यादें

बचपन की यादें

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मेरे यारों जरा सुन लो ये बचपन की कहानी है

गया बचपन थोड़ी सी बची ये जिंदगानी है

वो कागज की कश्ती है

बारिश का ये पानी है

पड़ी बूंदें जो थोड़ी थोड़ी-सी ये धरती हुई धानी है

मेरे यारों जरा सुन लो यह बचपन की कहानी है।


बिना कुछ फिक्र के यूं घूम लेना सारे गलियों में 

सजाए है नन्हे से सपने अपनी अंखियों में

प्यारी सारी यह बातें मगर पुरानी है

मेरे यारों जरा सुन लो ये बचपन की कहानी है।


आज फिर स्कूल ना जाने का बहाना है

क्योंकि मां के साथ समय बिताना है

मां की सारी बातें लगती सुहानी है

मेरे यारों जरा सुन लो ये बचपन की कहानी है।


आज फिर किसी चीज पर फिर से दिल है आया

सुबह से शाम तक मां को बहुत मनाया

शाम को पिताजी को वो चीज ले आनी है

मेरे यारों जरा सुन लो ये बचपन की कहानी है।


छुट्टी के दिन सुबह से शाम था खेलना

चोट लग जाने पर भी खेल ना छोड़ना

अभी तो दोस्तों के साथ गलियों में दौड़ लगानी है

मेरे यारों जरा सुन लो ये बचपन की कहानी है।


न जाने कब बीत गए वो सुहाने दिन 

दोस्तों के बिना लगता नहीं था मन

अब तो सिर्फ रह गई है स्मृति 

कितनी सारी बातें अनकही

अब तो सिर्फ यादें गले लगानी है

मेरे यारों जरा सुन लो ये बचपन की कहानी है।



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