बातें ऐसी करो
बातें ऐसी करो


जिसका सीधा मतलब न निकले
एक शब्द से कई अर्थ प्रतिबिंबित हो
और अपनी बात को
कई अर्थों में सुविधानुसार बदल सकते हो
यह सुविधा अंग्रेजी में ज्यादा है
मातृभाषा में कम है
अंग्रेजी में रन शब्द के एक सौ से ऊपर अर्थ
निकल सकते है
कुछ क्रिया के रूप में
कुछ संज्ञा के रूप में
कुछ विशेषण के रूप में
आपकी बात कोई रिकॉर्ड भी कर ले
तो कोई बात नहीं
कह देना मैंने इस सन्दर्भ में यह कहा था
सियासत में इसकी खूब पढ़ाई हो रही है
कोई स्कूल खोल लो
बिना किसी विज्ञापन के चलेगी
देखना लोग
कल क्या ऐसा ना ऐसी ही
द्विअर्थी या बहु अर्थी भाषा को
ही कह दे कि
राष्ट्रभाषा घोषित कर दो
नहीं तो कम से कम
सरकारी कार्रवाहियों की भाषा बना दो
जहाँ यस का मतलब
नो भी हो सकता है
इम्पॉसिबल में भी
पॉसिबल ढूंढा जा सकता है