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Anupama Gupta

Others

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Anupama Gupta

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बारिश

बारिश

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नहीं, बिल्कुल नहीं ।
 मुझे बिल्कुल भी नहीं याद 
 आषाढ़ का कोई एक दिन
 या सावन भादों की कोई रात ।

मुझे कोई विशेष दिन 
कोई विशेष रात
बिल्कुल याद नहीं है !
याद है तो
बस इतना 
कि ऐसी ही 
किसी एक बरसात में
 मिले थे तुम।

और 
तब से आज तक
वर्षा  की हर बूँद में 
तुम साथ रहे हो ! 
मैंने किसी बारिश पर
कोई कविता नहीं लिखी ।
बस हर बूँद बूँद
 महसूस किया है तुम्हें...

 


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