अटल
अटल
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आज मैं शब्दों से हारा
निज हृदय के भावों को
ना आज पन्नों पर उतारा
आज मैं शब्दों से हारा
वो मुखर ध्वनि, वो काव्य कोष
वो व्यवस्था पर, प्रखर रोष
भारतवर्ष को जिसने संवारा
आज मैं शब्दों से हारा
वो धैर्यवान, वो ‘विवेक’ पूर्ण
वो साहसयुक्त, व्यक्ति सम्पूर्ण
हर भारतीय की आँख का तारा
आज मैं शब्दों से हारा
एक युगपुरुष गया, एक युग बीत गया
मृत्यु से भी ये 'अटल' जीत गया
स्मृतियाँ सहेज रहा जग सारा
आज मैं शब्दों से हारा।