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Anuj Bhandari

Children Stories Inspirational Children

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Anuj Bhandari

Children Stories Inspirational Children

अतीत का पन्ना

अतीत का पन्ना

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आज भी अतीत का पन्ना पलटता हूँ

तो आँखे थम जाती,

स्कूल की याद सताने लगती।


फिर सोचता पहले दिन को,

कैसे माँ जिगर के टुकड़ों को

स्कूल की अनजान दुनिया मे छोड़ती


हम स्वयं तो रोते ही थे ,

मां भी अदंर ही अदंर रोती।

दूसरा पन्ना पलटता हूँ

आखों मे खुशी सी झलकती

वह दिन याद आने लगता


जब स्कूल अपना सा लगता

दोस्त भी बेगाने न लगते।

पन्ने पलटते पलटते 12 वीं कक्षा के

अतिंम क्षण याद आते,


फेरवेल की फोटो देखता,

यारों की तस्वीर दिमाग मे छप जाती

उनके साथ की गई हर मस्ती

दीवारोंं में झलकने लगती


वे अध्यापक भी पन्नों मे दिखाई दते,

जिनके डर से हम स्कूल नही जाते थे।


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