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Raashi Shah

Others

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Raashi Shah

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अफ़सोस

अफ़सोस

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अनोखी है यह ज़िन्दगी,

जैसे हो कोई भूल भुलैया।

कई राहें होती हैं,

लेकिन, खयाल रखना खो न जाओ।

कुछ राहें होती हैं सही,

कुछ गलत भी होती हैं,

लेकिन इनमें उलझकर रुकना नहीं,

आगे-ही-आगे बढ़ते जाओ।

ज़िन्दगी देती है एक ही मौका,

अपनी राह चुनने के लिए,

इसलिए सोच-विचारकर फ़ैसला लेना,

फिर कही पछताओ न।

क्योंकि कई पछता चुके हैं,

कई अफ़सोस हमने भी सुने है,

लेकिन उनका क्या है अब अर्थ,

जो एक दफ़ा हो चुका,

उसे कौन बदल पाया है?

वक्त और ज़िन्दगी को आज तक,

कौन मात दे पाया है।

कई लोगों ने कोशिश की हैं,

कई असफल भी हो चुके हैं,

कई पछतावे से अफ़सोस कहकर रुक गए,

तो कईओं ने फिर से प्रयत्न भी किया है।

वे रुके नहीं,

वे आगे बढ़ते गए,

तो हम क्यों रुके,

हम भी आगे बढ़ेंगे,

ऊँचे उड़ेंगे,

और यह सदा स्मरण रखेंगे कि-

ऊँचा उड़ना अच्छी बात है,

परंतु ज़मीन से नाता जोड़े ना।


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