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Prem Bajaj

Children Stories

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Prem Bajaj

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अनेकता में एकता

अनेकता में एकता

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है भारत देश एक लेकिन भाषाएं अनेक हैं,

है हिन्दुस्तान एक लेकिन धर्म यहां अनेक हैं,

अनेकता में बसती एकता ऐसा मेरा देश है।


है धरती में ऋषियों की, जन्मे यहीं पर देव हैं,

जन्मी यहीं लक्ष्मीबाई, सीता-सावित्री का ये देश है,

अनेकता में बसती एकता ऐसा मेरा देश है।


ना तेरा , ना मेरा, ना यहां कोई मतभेद हैं,

रहते हैं हम सबके दिलों में, हिन्दू, मुस्लिम सब यहां पर एक हैं ,

अनेकता में बसती एकता ऐसा मेरा देश है।


पावन मेरे देश की धरती गंगा-जमुना यहां पर बहती है,

संस्कार और संस्कृति से भरपूर हर घर में प्रवेश है,

अनेकता में बसती एकता ऐसा मेरा देश है ।


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