I am deleting my poems. I am deleting my poems.
वोह बचपन भी कितना सुहाना था जिसमे हर दिन एक फ़साना था। वोह बचपन भी कितना सुहाना था जिसमे हर दिन एक फ़साना था।
I am deleting my poems I am deleting my poems
पर जब तक जानेगे सोना बचेगा नहीं आज ज़िन्दगी बेरंग नहीं। पर जब तक जानेगे सोना बचेगा नहीं आज ज़िन्दगी बेरंग नहीं।