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Ajay Singla

Others

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Ajay Singla

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आँखें

आँखें

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दो महीने का एक बच्चा

जोर जोर से रो रहा

आँखें बंद कर लीं उसने

पर नहीं था सो रहा।


माँ ने दूध पिलाया उसको

आँख खोली, चुप हो गया

ममता थी माँ की आँखों में

स्माइल दी और सो गया।


पांच साल का वो हुआ

खेले संग भाई सगा

उसका खिलौना छीना तो वो

आँख दिखलाने लगा।


डैडी ने बहन को डांटा

रो रही थी हलके हलके

उसको बहुत बुरा लगा

आँख से आंसू थे छलके।


स्कूल जब वो जाता था

टीचर टॉफी बांटती थी

दिखता था पर आँख में डर

जब वो उसको डांटती थी।


शोर मचाया क्लास में

टीचर बोली, गलती है किसकी

झट से वो पकड़ा गया

शरारत भरी थीं आँखें उसकी।


कॉलेज में जब पहुंचा तो

एक लड़की से टकरा गया

शर्म से आँखें झुकीं जब

वो भी शरमा गया।


उसके ग्रुप में ही थी वो

दोस्त अच्छे थे सभी

तिरछी नजर से देखता उसे

चुपके से कभी कभी।


अकेले में मिलने लगे

आँखों में प्यार पढ़ लिया

पूछा जब उसने था उसको

इकरार उसने कर लिया।


नौकरी लगी, शादी हो गयी

पहला बच्चा जब हुआ

आँखों में चमक थी उसकी

परिवार पूरा अब हुआ।


माँ बहुत बीमार थी

बीमारी से वो मर गयी

माँ को अग्नि दे रहा

तब आँख उसकी भर गयी।


आँखें तो होती हीं ऐसी

झूठ न ये बोलतीं

कितना तुम छुपाना चाहो

दिल का राज ये खोलतीं।


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