आज नींद नहीं आएगी
आज नींद नहीं आएगी
आधी रात होने को है, चांदनी छिटकी है,
सुस्त पड़ा आसमान, घने कोहरों के बीच,
ऐसे हसीं पल का कोई ना कोई सार है,
न जाने क्यों? इन कोरे अंखियन को ,
अभी भी एक गहरी नींद का इंतजार है।
मन थोड़ा बेचैन सा है, एक घबराहट है,
उठ रहे अहले मन में बेबाक सैकड़ों सवाल,
फ़र्क़ कैसे करे, ये जीत है या हार है,
न जाने क्यों? इन कोरे अंखियन को ,
अभी भी एक गहरी नींद का इंतजार है।
घड़ी की छोटी सुई भी आज दिख रही है,
एक मद्धम सी रौशनी है कमरे में, फिर भी,
शायद इस दिल पर कोई अनजान सा भार है,
न जाने क्यों? इन कोरे अंखियन को ,
अभी भी एक गहरी नींद का इंतजार है।
लाखों बातें है कहने को, पर अफ़सोस
वो दिल की धड़कनों में दबी रह जाएंगी,
सुनने को कोई नहीं, खुद से कहते बार बार है
न जाने क्यों? इन कोरे अंखियन को ,
अभी भी एक गहरी नींद का इंतजार है।
