25वीं सालगिरह
25वीं सालगिरह
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ज़िन्दगी की ये हसीन शाम
यूँ ही गुजरती रहे..
मेरे माँ-पापा आप दोनों
का प्यार और आशीर्वाद
हम सबको दिन-ब-दिन
मिलता रहे..
मेरी माँ.. तू यूँ ही सिंदूर भरी माँग
और हाथों में लाल चूड़ी से दमकती रहे
मेरे पापा.. आप माँ की हिम्मत,
हौसला और साहस बन यूँ ही
उनके हरदम पास रहो
ये जो आप दोनों के प्यार से
सींची गई है
हम भाई- बहनों की फुलवारी
ये यूँ ही महकती रहे..
ज़िन्दगी की हसीन शाम
यूँ ही गुजरती रहे..
