मत सहन कर ज़ुल्मों को मत सहन कर ज़ुल्मों को
जीवन की धूरी घूमती इसके ही इर्द-गिर्द ऐसा है किरदार ! जीवन की धूरी घूमती इसके ही इर्द-गिर्द ऐसा है किरदार !
हार मानना मैंने सीखा नहीं है, चाहे कैसी भी हो जाए परिस्थितियाँ, हार मानना मैंने सीखा नहीं है, चाहे कैसी भी हो जाए परिस्थितियाँ,
प्यार का जवाब प्यार से देती, जो गुस्सा दिखाए उसकी बोलती बंद कर देती, प्यार का जवाब प्यार से देती, जो गुस्सा दिखाए उसकी बोलती बंद कर देती,
जल्दी से बना ली चाय और साथ में कुछ पकौड़े भी, जल्दी से बना ली चाय और साथ में कुछ पकौड़े भी,