None I'm Teacher Education department Uttarakhand
प्रभु श्रीराम आज निज धाम पधारे हैं जगमग दीपों से पथ उजियारा कर दो प्रभु श्रीराम आज निज धाम पधारे हैं जगमग दीपों से पथ उजियारा कर दो
खुश हो कभी उछलते कभी कूदते कभी डरकर उससे, आंख मूंदते खुश हो कभी उछलते कभी कूदते कभी डरकर उससे, आंख मूंदते
सुख दुःख जीवन के दो पहलू दोनों ईश्वर प्रदत्त हैं उपहार। सुख दुःख जीवन के दो पहलू दोनों ईश्वर प्रदत्त हैं उपहार।
मुझे रिहा कर दो तुम हर उस बंधन से जो बेड़ियां बनकर मेरे कदमों को रोके। मुझे रिहा कर दो तुम हर उस बंधन से जो बेड़ियां बनकर मेरे कदमों को रोके।
बांधती जब भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बहना तुम ही रक्षक हो भाई मेरे और नहीं कुछ कहना बांधती जब भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बहना तुम ही रक्षक हो भाई मेरे और नहीं कुछ...
सभ्य समाज की मैं पहचान हूं मैं ही यह सतरंगी हिंदुस्तान हूं सभ्य समाज की मैं पहचान हूं मैं ही यह सतरंगी हिंदुस्तान हूं
देश के जिन रण बांकुरों की बदौलत है सुरक्षित आज , हिन्दुस्तान हमारा देश के जिन रण बांकुरों की बदौलत है सुरक्षित आज , हिन्दुस्तान हमारा
अब अकेले तय न होगा यह दुःख भरा जीवन का सफ़र। अब अकेले तय न होगा यह दुःख भरा जीवन का सफ़र।
स्वतंत्र भारत था , जिनका सपना कटा दिया निज शीश जिन्होंने अपना स्वतंत्र भारत था , जिनका सपना कटा दिया निज शीश जिन्होंने अपना