लिखने का प्रयास कर रहा हूँ
लेकिन इस कमबख़्त भूख का क्या करें साहब, इसकी तो कोई दवा तक नहीं लेकिन इस कमबख़्त भूख का क्या करें साहब, इसकी तो कोई दवा तक नहीं
ख़ुद पर जो निर्भर रह पाता, वही असली पुरुषार्थ कहलाता। ख़ुद पर जो निर्भर रह पाता, वही असली पुरुषार्थ कहलाता।
ख़ुश होने का मन नहीं करता, सोने से जब दिल नहीं भरता... ख़ुश होने का मन नहीं करता, सोने से जब दिल नहीं भरता...
कुछ से हँसाना जानता हूँ, तो कुछ से रुलाना जानता हूँ। कुछ से हँसाना जानता हूँ, तो कुछ से रुलाना जानता हूँ।
ऊँच - नींच का भेदभाव जहाँ न मक़सद जिसका सम्मान हैं, ऊँच - नींच का भेदभाव जहाँ न मक़सद जिसका सम्मान हैं,
हम रह गए, वो कह गए बाढ़ ऐसी आयी, के सब बह गए हम रह गए, वो कह गए बाढ़ ऐसी आयी, के सब बह गए
"दो - चार" रुपये महंगाई क्या बढ़ा दी अब, सब सड़कों पर आकर सोते हैं। "दो - चार" रुपये महंगाई क्या बढ़ा दी अब, सब सड़कों पर आकर सोते हैं।
शुरू होते ही ख़त्म हो जाए ऐसी तो यहाँ की रात है इस शहर में कुछ ख़ास है। शुरू होते ही ख़त्म हो जाए ऐसी तो यहाँ की रात है इस शहर में कुछ ख़ास है।
तरीक़े कई है कहने के पर कहने के लिए थोड़े ही कहना है, हमें तो तेरी बाहों में रहना है जुल्फ़ों क... तरीक़े कई है कहने के पर कहने के लिए थोड़े ही कहना है, हमें तो तेरी बाहों में...
ठीक है अब तुम जो भी सज़ा दो पर कहने की एक वज़ह दो दोषी तो हम साबित हो गए तब तक दिल में क़ैद करा... ठीक है अब तुम जो भी सज़ा दो पर कहने की एक वज़ह दो दोषी तो हम साबित हो गए तब...