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Amit Kori

Others

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Amit Kori

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नाराज़गी

नाराज़गी

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हाव - भाव से चहकी हो 

रंग फ़िज़ा सी महकी हो 

एक हफ़्ते से सोच रहा हूँ, कि

पुछू अब तुम कैसी हो 


नाराज़ नहीं तो बात तो कर लो 

हाथ नहीं तो कान पकड़ लो 

एक बार फिर मौका दे दो 

देखों न पर साथ तो चल लो 


ऐसी भी क्या बात हो गयी 

माफ़ी भी दरख़ास्त हो गयी 

हँसते - गाते जी रहे थे हम 

एक ही पल को रात हो गयी 


तुम्हें देखकर जी लेता हूँ 

आँसू सारे पी लेता हूँ 

छोटी - मोटी बातों में ही 

खुशियाँ सारी सी लेता हूँ 


ठीक है अब तुम जो भी सज़ा दो

पर कहने की एक वज़ह दो 

दोषी तो हम साबित हो गए 

तब तक दिल में क़ैद करा दो


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