Amit Kori
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लिखने का प्रयास कर रहा हूँ

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मैं चोर हूँ, उन लम्हों का जिन्हें तुमने बड़ी मशक्क़त से सजाया है चुरा लूँगा सब एक बार में, मैं वक़्त हूँ, गुज़र जाऊँगा हाथ न आऊँगा। - amit kori

जो कुछ नहीं बोलता कुछ नहीं करता वो मर जाता है , और जो मर जाता है कुछ नहीं बोलता कुछ नहीं करता - अमित कोरी

ज़माना खड़ा हो गया समझदारी की कतार में जब कुछ लोगो ने मुझे इश्क़ में लड़खड़ाता देखा।


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