संपादक, लेखक, प्रकाशक
अपने मन के डर को सूली पर टांगे लोग भाग रहे हैं बेतहाशा। अपने मन के डर को सूली पर टांगे लोग भाग रहे हैं बेतहाशा।
जो अक्षय वट वृक्ष बन देगा सबको छाया। जो अक्षय वट वृक्ष बन देगा सबको छाया।
पर जिंदगी की इस कमीज़ की जेब फ़टी रह गई ख़ुशियाँ, शांति और सद्कर्म जाने गिरकर कहाँ पर जिंदगी की इस कमीज़ की जेब फ़टी रह गई ख़ुशियाँ, शांति और सद्कर्म ...
आस का दीपक जलाकर चल पड़ा हूँ राह में। आस का दीपक जलाकर चल पड़ा हूँ राह में।
नाविक नहीं हारता कश्ती को चलाते चलाते यदि उड़ान भरनी हो तो जीत का ही भाव हो बौनी उड़ान में क्या... नाविक नहीं हारता कश्ती को चलाते चलाते यदि उड़ान भरनी हो तो जीत का ही भाव हो ...
मन को पूर्ण विराम मिलेगा सदा विजयी वही कहलायेगा। मन को पूर्ण विराम मिलेगा सदा विजयी वही कहलायेगा।
तभी अचानक कानों में पड़ा सुनाई लड़के कभी रोते नहीं जीवन के संग्राम में कभी कमजोर होत तभी अचानक कानों में पड़ा सुनाई लड़के कभी रोते नहीं जीवन के संग्राम में ...
अब केवल यादें जिंदा है और रहेगी मेरे मरने तक। अब केवल यादें जिंदा है और रहेगी मेरे मरने तक।
केवल भ्रम है आत्म मुग्धता है कलयुग की एक माया मात्र है। केवल भ्रम है आत्म मुग्धता है कलयुग की एक माया मात्र है।
कठपुतली -सा नचायेगा वही जिसके हाथ में धागे होंगे। कठपुतली -सा नचायेगा वही जिसके हाथ में धागे होंगे।