ना लिखता प्रेम प्रियतम का ना मैं श्रृंगार लिखता हूँ। जो दिखता है वही लिखता कि मैं अंगार लिखता हूँ। बना देते हैं जो ब्यापार किसी बेटी की लज्जा को। मैं ऐसे धूर्त लोगों का सदा प्रतिकार लिखता हूँ। अजय कुमार द्विवेदी ''अजय''
जगमग दीपों से रौशन, फिर हुआ अयोध्या धाम। आओ मिलकर बोलो यारों, जय जय सीताराम। जगमग दीपों से रौशन, फिर हुआ अयोध्या धाम। आओ मिलकर बोलो यारों, जय जय सीताराम।
एक नहीं सौ बार मरा मैं और नहीं मर पाऊंगा। लाशों पर होगी राजनीति मैं मौन नहीं रह पाऊंगा एक नहीं सौ बार मरा मैं और नहीं मर पाऊंगा। लाशों पर होगी राजनीति मैं मौन नहीं ...
पल-पल बरसता प्यार तुम्हीं, हो जीवन का आधार तुम्हीं। पल-पल बरसता प्यार तुम्हीं, हो जीवन का आधार तुम्हीं।
बरसाने की होरी रे गोकुल की होरी। ग्वालों की होरी रे ग्वालन की होरी। बरसाने की होरी रे गोकुल की होरी। ग्वालों की होरी रे ग्वालन की होरी।
जो शहीद हो गये है उनकी बेवाओं को याद करो जो शहीद हो गये है उनकी बेवाओं को याद करो
हो संसार भले बड़ा, अपना संसार निराला है। हो संसार भले बड़ा, अपना संसार निराला है।
तुम्हीं राधा तुम्हीं रूक्मिणी तुम्हीं मीरा दीवानी हो। तुम्हीं राधा तुम्हीं रूक्मिणी तुम्हीं मीरा दीवानी हो।
पर किसी को मन की बातें, बता नहीं मैं पाता हूँ। हल्की भी आहट होती है, अकारण मैं डर जाता पर किसी को मन की बातें, बता नहीं मैं पाता हूँ। हल्की भी आहट होती है, अकारण मै...