माँ, अध्यापन, बौद्धिकता मानसिक खुराक है।
इसके बाद ट्रेन और उन दोनो के चेहरों की मुस्कुराहटें एक साथ चल रहीं थीं। इसके बाद ट्रेन और उन दोनो के चेहरों की मुस्कुराहटें एक साथ चल रहीं थीं।
मेरी आत्मा मुझे हर क्षण धिक्कारती रहती है मित्र! मेरी आत्मा मुझे हर क्षण धिक्कारती रहती है मित्र!
एक गलती तो मुझसे भी हो गयी थी, वो थी - शिक्षक होने के बावजूद मेरा तुमसे दोस्ताना रवैया। एक गलती तो मुझसे भी हो गयी थी, वो थी - शिक्षक होने के बावजूद मेरा तुमसे दोस्ताना...
आखिरी भेंट के बाद मैं सिद्धप्रभा को कभी नहीं देख पाया एक दूसरे के लिए जीते जी मर गए। आखिरी भेंट के बाद मैं सिद्धप्रभा को कभी नहीं देख पाया एक दूसरे के लिए जीते जी मर...
प्रसिद्ध लेखिका पद्मा सचदेव अपनी आत्मकथा ‘बूंद-बावड़ी’ मे लिखती हैं- “औरत को आखिर किससे प्रसिद्ध लेखिका पद्मा सचदेव अपनी आत्मकथा ‘बूंद-बावड़ी’ मे लिखती हैं- “औरत को आखि...
ट्रेन और उन दोनो के चेहरों की मुस्कुराहटें एक साथ चल रहीं थीं। ट्रेन और उन दोनो के चेहरों की मुस्कुराहटें एक साथ चल रहीं थीं।
खुशी और गम उसे समानार्थी से लगते, इस अनुत्तरित पीड़ा को वह किसे दिखाती। खुशी और गम उसे समानार्थी से लगते, इस अनुत्तरित पीड़ा को वह किसे दिखाती।
गाँव के बैंक में जब भीड़ बढ़ती है, तो सरवन (सर्वर) छुट्टी पर चले जाते हैं।" गाँव के बैंक में जब भीड़ बढ़ती है, तो सरवन (सर्वर) छुट्टी पर चले जाते हैं।"
और उसे पा भी लिया, पर उसे पाने के बाद पता चला कि वो तो मेरा था ही नहीं।" और उसे पा भी लिया, पर उसे पाने के बाद पता चला कि वो तो मेरा था ही नहीं।"
उस दिन मुझे अहसास होगा कि मैंने भी तुम्हें प्यार किया था। उस दिन मुझे अहसास होगा कि मैंने भी तुम्हें प्यार किया था।