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सलामत रहे वतन हमारा सर हमारा रहे ना रहे सलामत रहे वतन हमारा सर हमारा रहे ना रहे
मजलूमों की कस्ती के लिए कोई साहिल क्यों नहीं ? मजलूमों की कस्ती के लिए कोई साहिल क्यों नहीं ?
युगों युगों से होता आया नारी का अपमान। युगों युगों से होता आया नारी का अपमान।
एक घना दरख्त था जिंदगी के सफर में पड़ाव था वो। एक घना दरख्त था जिंदगी के सफर में पड़ाव था वो।
यहाँ हर पल मंजर बदल जाता है देखते देखते समन्दर बदल जाता है। यहाँ हर पल मंजर बदल जाता है देखते देखते समन्दर बदल जाता है।
तूफानों मे रास्ता बनाते हुए हर कदम आगे बढूँगा। तूफानों मे रास्ता बनाते हुए हर कदम आगे बढूँगा।
ये सब उसे भी याद आता है पर सैनिक सरहद पर सब भूल जाता है। ये सब उसे भी याद आता है पर सैनिक सरहद पर सब भूल जाता है।
सोने की चिडिया क्यो है आज कर्ज के बोझ तले. सोने की चिडिया क्यो है आज कर्ज के बोझ तले.
यूँ तो इश्क का जिस्म से क्या वास्ता आँखों से रूह तक है इश्क क यूँ तो इश्क का जिस्म से क्या वास्ता आँखों से रूह तक है ...
सलाखों के पीछे रह कर जीत गए चुनाव सलाखों के पीछे रह कर जीत गए चुनाव