कभी-कभी जब कोई अहसास बेवजह लबों पर मुस्कान ले आये या कोई बात पलकों को नम कर जायें तो बस लिख दिया करती हूँ......
तुम इकरार करना तुम इकरार करना
अपने बालों को खुला छोड़ना खुद के लिए इशारा लगता है तुम्हें?? अपने बालों को खुला छोड़ना खुद के लिए इशारा लगता है तुम्हें??
कितनी पाक थी मोहब्बत उसकी फिर क्यूँ उसे इतना दर्द मिला कितनी पाक थी मोहब्बत उसकी फिर क्यूँ उसे इतना दर्द मिला
कितनी खास होती हैं ना ये बारिश की बून्दें ! कितनी खास होती हैं ना ये बारिश की बून्दें !
मैं जन्नत से उतरी कोई परी सी लगती थी। मैं जन्नत से उतरी कोई परी सी लगती थी।
उसकी हर छोटी सी तारीफ मेरा हौसला बढा़ दिया करती थी। उसकी हर छोटी सी तारीफ मेरा हौसला बढा़ दिया करती थी।
वापस लौट आने को तो बेशक चले आना। वापस लौट आने को तो बेशक चले आना।
ये बारिश भी कितनी फिक्र करती हैं न मेरी! ये बारिश भी कितनी फिक्र करती हैं न मेरी!
छोटी सी नहर मे बहते पानी की शान्ति ने आज कहा मुझसे कि तेरा गाँव अब बदल रहा है छोटी सी नहर मे बहते पानी की शान्ति ने आज कहा मुझसे कि तेरा गाँव अब बदल र...
एक सवाल कि सिर्फ वही इतना खास क्यूँ ? एक सवाल कि सिर्फ वही इतना खास क्यूँ ?