poems, ghazals, scripts, quotes, microtale
सूरज की अग्नि से भी भाप बन, करें बरसात सूरज की अग्नि से भी भाप बन, करें बरसात
हर किसी ने जी भर कर ग़ुस्सा, मासूम पे निकाला, हर किसी ने जी भर कर ग़ुस्सा, मासूम पे निकाला,
कारक एक-एक वाणी, शुद्ध कर जाए। कारक एक-एक वाणी, शुद्ध कर जाए।
न माथे में सिंदूर, न मेहंदी रचाई। न डोली उठी, न शहनाई आई। न माथे में सिंदूर, न मेहंदी रचाई। न डोली उठी, न शहनाई आई।
स्याही न जाने क्यों, उस पन्ने की तलाश में है। ... स्याही न जाने क्यों, उस पन्ने की तलाश में है। ...
उंगली पकड़ने से क़लम तक का सफ़र दिया। पापा आपने मुझे, जीने का हुनर दिया। उंगली पकड़ने से क़लम तक का सफ़र दिया। पापा आपने मुझे, जीने का हुनर दिया।
पानी का बुलबुला है, ज़िन्दगी की रवानी। समझो तो हक़ीक़त , वरना झूठी कहानी। पानी का बुलबुला है, ज़िन्दगी की रवानी। समझो तो हक़ीक़त , वरना झूठी कहानी।
ढिबरी की रौशनी में, न जाने कितने अरमान सजे. ढिबरी की रौशनी में, न जाने कितने अरमान सजे.
सिंदूर न सही, मेरे नाम का टीका तुम भी लगाओ न। सिंदूर न सही, मेरे नाम का टीका तुम भी लगाओ न।
चार दिन की है ज़िन्दगी यहाँ, मौत ही हमसफ़र है। चार दिन की है ज़िन्दगी यहाँ, मौत ही हमसफ़र है।