मैं कौन हूँ पता नही। अब खुद को ढूंढ़ रहा हूँ।
यूँ बार-बार भरोसा इंसान पर नहीं होगा यूँ बार-बार भरोसा इंसान पर नहीं होगा
तीसरी गलती चौथी गलती और फिर जिंदगी ही गलती हो गई। तीसरी गलती चौथी गलती और फिर जिंदगी ही गलती हो गई।
सफ़र ज़िंदगी की कुछ ठहर जाती राही हूँ मैं भी डगर का चला फिर से। सफ़र ज़िंदगी की कुछ ठहर जाती राही हूँ मैं भी डगर का चला फिर से।
लिखा उन खुशियों कोऔर सिर्फ खुशियाँ लिखा। लिखा उन खुशियों कोऔर सिर्फ खुशियाँ लिखा।
पर अब किसी के छल विरोध से खुद और खुद को विरोधी देखा। पर अब किसी के छल विरोध से खुद और खुद को विरोधी देखा।
शागिर्द तो नही है पर कोशिश तो है अर्जुन तो नही है पर एकलव्य सा है। शागिर्द तो नही है पर कोशिश तो है अर्जुन तो नही है पर एकलव्य सा है।
उस आईना को पता है कि मैं हूँ देखा छुपी नज़रों से तुम दिल में गई। उस आईना को पता है कि मैं हूँ देखा छुपी नज़रों से तुम दिल में गई।
मन में चलती उस तूफ़ान को जो सदियों से ढोती आई हो मन में चलती उस तूफ़ान को जो सदियों से ढोती आई हो
कहते हैं ना ! कविताओं में जीवन होता है मैं भी कविता बन जाऊँ क्या ? कहते हैं ना ! कविताओं में जीवन होता है मैं भी कविता बन जाऊँ क्या ?
अब मिलती नही ऐसी दोस्ती कि बचपन की याद आ जाती हो। अब मिलती नही ऐसी दोस्ती कि बचपन की याद आ जाती हो।